भारत के इतिहास में झारखण्ड राज्य का उदय एक स्वर्णिम घटना है। देश के महान स्वतंत्रता सेनानी व झारखण्ड के सपूत, जल, जंगल, जमीन के महान जननेता और आदिवासियों के धार्मिक-सांस्कृतिक औअगुवाई करने वाले भगवान विरसा मुंडा की जंयती के पावन अवसर पर झारखण्ड राज्य का स्थापना 15 नवंबर 2000 में है। जिसका राजधानी रांची में अवस्थित है। झारखण्ड राज्य के नाम होने के अनेकों कारण है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वैसे प्रदेश जहां जंगलों, झाड़ियों से हरा-भरा है और प्रकृति की पूजा व उपासना चावल की गुड़ी से खोड़ बनाकर सदियों से चली आ रही है यह आदिवासी संस्कृति का प्रतीक माना गया है। आदिवासी बहुल इलाकों होने के कारण प्रकृतिवादी विचारधारा में अधिकतर लोग विकास को बढ़ावा देने की उद्देश्य से राज्य की स्थापना की गई है। यहां संताल जनजाति के लोग की संख्या अधिक है। इसके बाद उरांव,मुण्डा, हो, खड़िया, ईत्यादि है। कुल मिलाकर इस राज्य में जनजाति एवं आदिम जनजाति के 32 समुदाय के लोग रहते हैं।जब झारखण्ड अलग राज्य बनी थी, उस समय कुल 18 जिला थे अब पुरे राज्य में कुल 24,जिला है तथा पूर्वी सिंहभूम जिला के जमशेदपुर में टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी अवस्थित है। इस शहर को राज्य का औद्योगिक राजधानी का दर्जा दिया गया है। सरडा जंगल एशिया का सबसे बड़ा जंगल में से हैं।
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