खेती से जुड़ी हर समस्या का समाधान कर रहा है जोहार एग्री मार्ट


रांची : झारखण्ड में जोहार परियोजना अंतर्गत किसानों को उन्नत खेती से जुड़ी सुविधाओं को एक छत के नीचे उपलब्ध कराने का पहल जोहार एग्री मार्ट के द्वारा किया गया है। इस पहल के तहत महिला किसानों को उन्नत खेती से जुड़ी सामाग्री,उपकरणों और अन्य समस्याओं के समाधान हेतु कार्य किया जा रहा है। राज्य के कुल 11 जिलों में 25 जोहार एग्री मार्ट का संचालन किया जा रहा है। उत्पादक समूहों से जुड़े किसानों के अलावा आम किसानों को भी उचित मूल्य पर खेती से जुड़ी हर तरह की सामग्री एवं सेवाएं जोहार एग्री मार्ट के जरिए उपलब्ध कराई जा रही है।  इस नूतन पहल से किसानों को न सिर्फ एक छत के नीचे खेती से जुड़ी हर सामाग्री जैसे उच्च गुणवत्ता वाले खाद, बीज, कीटनाशक आदि उचित दामों पर उपलब्ध कराई जा रही है बल्कि उन्नत खेती के लिए मिट्टी की जांच, मौसम की जानकारी, कृषि यंत्र आदि सुविधा वाजिब दामों पर उपलब्ध कराया जा रहा है। 

वन स्टॉप सेंटर बना जोहार एग्री मार्ट :- 

झारखण्ड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी अंतर्गत जोहार परियोजना के जरिये राज्य में कृषि से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत कर किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जोहार एग्री मार्ट का संचालन किया जा रहा है। जोहार एग्री मार्ट में खेती से जुड़े सामानों की बिक्री के अलावा किसानों को उन्नत खेती के लिए बेहतर तकनीकों से भी जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में किसानों को उन्नत खेती से संबंधित उपाय एवं सुझाव की भी व्यवस्था है। जोहार एग्री मार्ट के संचालन से न सिर्फ किसानों को सामाग्रियों की खरीदारी के लिए कम दूरी तय करनी पड़ रही है बल्कि उन्हें लोकल बाज़ार से 10 फीसदी कम दाम पर उच्च गुणवत्ता वाले खाद, बीज, कीटनाशक, DAP यूरिया, आदि भी आसानी से प्राप्त हो रहे हैं। जोहार एग्री मार्ट किसानों के तरक्की के लिए लिए वन स्टॉप सेंटर के रुप में वरदान साबित हो रहा है।

जोहार एग्री मार्ट के जरिए अब तक करीब 12 करोड़ का कारोबार

उत्पादक समूहों से जुड़े किसानों को ऐग्री मार्ट के तहत व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ कर तकनीकी सलाहकारों से जोड़ा जा रहा है। जहाँ रोजाना यह सलाहकार सुबह 10:30 से शाम के 5 बजे तक किसानों को खेती में आ रही दिक्कतों का हल बताते हैं। जोहार एग्री मार्ट के  व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए स्थानीय आजीविका कृषक मित्रों(AKM) व किसानों को जरुरी सुझाव, समाधान एवं समस्याओं का हल साझा किया जाता है। वर्त्तमान में जोहार परियोजना अंतर्गत राज्यभर में कुल 25 एग्री मार्ट से करीब 35,000 से ज़्यादा किसानों को तकनीकी सेवाएं उपलब्ध हो रहा है। अपनी विभिन्न सेवाओं एवं सामग्री की बिक्री के जरिए जोहार एग्री मार्ट ने करीब 12 करोड़ का कारोबार किया है। 

बदलाव की वाहक बनती ग्रामीण महिलाएं :-

रांची  के चान्हो प्रखंड के रानिचाचो  गाँव की गीता देवी उत्पादक समूह से जुड़ खेती के नए तकनीकों को न सिर्फ सीख रही हैं बल्कि जोहार ऐग्री मार्ट की मदद से उन्नत खेती भी कर रही है। उत्पादक समूह की सदस्य एवं जोहार एग्री मार्ट की संचालक गीता बताती है कि, “उत्पादक समूह के माध्यम से जोहार ऐग्री मार्ट से जुड़ कर उचित मात्रा में सही कीटनाशक के छिड़काव से उपज में गुणवत्ता और बढ़ोतरी देख पा रहे हैं.” गीता अब सालो भर सब्जियों की खेती करती हैं जिसमें वह मुख्य रूप से फूलगोभी की खेती हर मौसम में कर रही हैं। क्षेत्र में ऐग्री मार्ट के संचालन से उन्हें अच्छी क्वालिटी के बीज, खाद व अन्य सामान प्राप्त हो रहे हैं नतीजतन उपज का बाज़ार में अच्छा भाव मिल रहा है। वहीं चान्हो प्रखंड के पतरातू  गाँव की सविता देवी के लिए जोहार परियोजना वरदान साबित हुई  है. सविता देवी के लिए खेती पारंपरिका आजीविका का साधन रहा है। सविता बताती हैं कि,” उत्पादक समूह से जुड़ने से मुझे ऐग्री मार्ट का लाभ मिल रहा है, ऐग्री मार्ट की मदद से अब कम दामों पर अच्छे  बीज और अन्य सामान का प्रयोग तो कर रहे हैं पर साथ ही साथ कम समय में ज़्यादा वैरायटी के फसलों की खेती भी हो जाती हैं। सब्जियां तो हम सालों भर उगाते और बेचते हैं जिससे साल में हमें  1.5 से 2 लाख की आमदनी हो जाती है।सविता आगे बताती है कि, “सब्जियों को न सिर्फ हम लोकल बाज़ार में बेचते हैं बल्कि कोलकता, जमशेदपुर, छत्तीसगढ़ जैसे बड़े शहरों में भी ट्रक द्वारा भेज कर कमाई करते हैं. लोकल बाज़ार में हुई कमाई के अलावा बाहर भेजी गई सब्जियों से हमें और ज्यादा आमदनी होती है.”

ग्रामीण विकास सचिव डॉ मनीष रंजन ने बताया कि जोहार परियोजना अंतर्गत एग्री मार्ट के जरिए उत्पादक कंपनी की दीदियों को फायदा हो रहा है। कृषि आधारित इनपुट की उपलब्धता से उत्पादन में बढ़ोतरी हो रही है । किसानों को घर बैठे हर समस्या का समाधान उपलब्ध करा रहा है ।आने वाले खरीफ फसल में एग्री मार्ट के जरिए 15 करोड़ के कारोबार का लक्ष्य रखा गया है। वहीं इस वित्तिय वर्ष में किसान उत्पादक कंपनियों के द्वारा 50 एग्रीमार्ट स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। 

( सौजन्य :-  डॉ मनीष रंजन, सचिव, ग्रामीण विकास, झारखंड सरकार) ।

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