नई दिल्ली: राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एन यू एल एम) और ओडिशा शहरी अकादमी के साथ साझेदारी में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एम ओए चयू ए) ने एक अग्रणी पहल "जल के लिए महिलाएं, महिलाओं के लिए जल" शीर्षक के तीन दिवसीय अभियान का आयोजन किया. तीसरे दिन, 9 नवंबर, 2023 को यह कार्यक्रम शानदार सफलता के साथ संपन्न हुआ. कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन के तहत इस परिवर्तनकारी अभियान का उद्देश्य जल प्रशासन में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना था.
इस तीन दिवसीय अभियान में देश के विभिन्न हिस्सों (चुनावी राज्यों को छोड़कर) से 14,000 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया, जो "जल दिवाली" में सक्रिय रूप से शामिल थीं. अभियान के दौरान, इन सशक्त महिलाओं ने देश भर में 530 से अधिक जल उपचार संयंत्रों (डब्ल्यूटीपी) का दौरा किया और घरों में स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल पहुंचाने में शामिल जटिल प्रक्रियाओं को देखा. राज्य के अधिकारियों ने अभियान की सफलता में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए एसएचजी महिलाओं का स्वागत किया. सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण मैनुअल, पानी की बोतलें, सिपर्स, पर्यावरण अनुकूल बैग और बैज जैसी आवश्यक वस्तुओं सहित फील्ड विजिट किट दिए गए.
अभियान के दौरान, महिलाओं ने पानी के बुनियादी ढांचे को देखा और पानी की गुणवत्ता परीक्षण प्रोटोकॉल पर विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त किया और इन परीक्षणों में शामिल हुईं. इससे उन्हें अपने समुदायों के लिए पानी की शुद्धता के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित कर सकेंगी, यह जल के बुनियादी ढांचे के प्रति जिम्मेदारी की गहरी भावना को दर्शाता है. "जल दिवाली" के फोकस क्षेत्रों में अमृत योजना और इसके व्यापक प्रभाव के बारे में महिलाओं को जानकारी मुहैया कराना, महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) द्वारा तैयार किए गए स्मृति चिन्हों और लेखों के माध्यम से समावेशिता को बढ़ावा देना शामिल था. यह प्रतिभागियों के लिए स्थायी जल संसाधनों के संरक्षण और विवेकपूर्ण उपयोग के लिए जल प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
29 राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वयं सहायता समूहों और अधिकारियों के सामूहिक प्रयासों ने जल अवसंरचना के महत्वपूर्ण क्षेत्र में समावेशिता और महिला सशक्तीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है.
कालीदास मुर्मू, संपादक आदिवासी परिचर्चा।
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