नई दिल्ली:भारत सरकार का शिक्षा मंत्रालय और चुनाव आयोग ने 02 नवंबर, 2023 को कक्षाओं में निर्वाचन शिक्षा के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया. यह एमओयू औपचारिक रूप से स्कूलों और कॉलेजों की शिक्षा प्रणाली में मतदाता शिक्षा एवं चुनावी साक्षरता को शामिल करेगा, जिससे भविष्य के नए मतदाताओं को ज्यादा से ज्यादा चुनावी भागीदारी के लिए तैयार किया जा सके. इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य देश के युवाओं को देश की चुनावी प्रणाली से पूर्ण रूप से अवगत कराना और उनमें मतदाताओं के रूप में खुद को पंजीकृत करने और सभी चुनावों में आवेश के साथ, जानकारी के साथ और नैतिक रूप से शामिल होने की इच्छा उत्पन्न करना है.
इस समझौता ज्ञापन में 6वीं से 12वीं कक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या संरचना (एनसीएफ) के भाग के रूप में चुनावी साक्षरता को शामिल करने के लिए एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों की शुरुआत/अपडेट, सभी कॉलेजों/विश्वविद्यालयों के साथ-साथ वयस्क शिक्षा के पाठ्यचर्या संरचना में मतदाता शिक्षा एवं चुनावी साक्षरता को शामिल करने का भी प्रावधान है. इसमें शिक्षक शिक्षा पाठ्यक्रम सामग्री में इस विषय-वस्तु को शामिल करके शिक्षकों को अपेक्षित प्रशिक्षण प्रदान करके इसका पूरक बनाना है.
कक्षा पाठ्यक्रम के अलावा, समझौता ज्ञापन का उद्देश्य स्कूलों/कॉलेजों में चुनावी साक्षरता क्लबों और प्रत्येक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में लोकतंत्र कक्ष, सह-पाठ्यचर्या गतिविधियों, स्कूल/कॉलेज के छात्रों के लिए उपयुक्त मीडिया के विभिन्न माध्यमों से चुनावी साक्षरता पर संचार सामग्री का प्रसार, छात्रों को मतदान के लिए शपथ दिलाना, मॉक पोल ईवीएम-वीवीपीएटी प्रदर्शन, ईसीआई मोबाइल ऐप के बारे में जानकारी, कॉलेजों/विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनावों में स्वतंत्र, निष्पक्ष और नैतिक मतदान की प्रथाओं को विकसित करना आदि है.
यह जानकारी शिक्षा राज्य मंत्री, श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी.
कालीदास मुर्मू, संपादक आदिवासी परिचर्चा
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