राज्य स्तरीय नियुक्ति पत्र वितरण में शामिल हुए मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव लाना प्राथमिकता



रांची: मुख्यमंत्री श्री चम्पाई सोरेन ने कहा है कि आने वाले तीन से चार महीने के भीतर राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में 30 हजार रिक्त पदों को भरने के लिए नियुक्तियां निकाली जाएंगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रदेश का नेतृत्व उनकी सरकार कर रही है, यह प्रदेश खनिज-संपदाओं से भरा प्रदेश है. झारखंड की खनिज-संपदाओं का उपयोग यहां के आदिवासी, मूलवासी, गरीब, मजदूर, शोषित, पिछड़े सहित सभी वर्ग-समुदाय के लोगों के सर्वांगीण विकास और उत्थान में किया जाए, तभी झारखंड विकसित राज्यों की श्रेणी में खड़ा हो सकेगा. आज विभिन्न पदों पर नवनियुक्त 2454 अभ्यर्थियों को राज्य सरकार नियुक्ति पत्र दे रही है. आज से आप सभी के कंधों पर एक बड़ी जिम्मेदारी दी जा रही है. आप सभी नवनियुक्त अभ्यर्थी राज्य सरकार के अभिन्न अंग के रूप में कार्य करेंगे। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताते हुए कहा कि आप सभी नवनियुक्त अभ्यर्थी यहां के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक व्यवस्था को मजबूत करने में पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी पूर्वक अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. मैं आप सभी को अपनी ओर से बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं. उक्त बातें मुख्यमंत्री श्री चम्पाई सोरेन ने आज शहीद मैदान रांची में आयोजित राज्य स्तरीय नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को सम्बोधित करते हुए कही.

कम समय में मिसाल कायम करना लक्ष्य:-

मुख्यमंत्री श्री चम्पाई सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार की सोच है कि बहुत कम समय में ही ऐसे कार्य किए जाएं, जो झारखंड के विकास में एक मिसाल कायम कर सके. राज्य सरकार जल्द ही जनजाति भाषाओं के जनजातीय शिक्षकों की भी नियुक्ति करेगी. राज्य सरकार की यह सोच है कि झारखंड के समृद्ध जनजातीय भाषाओं की पढ़ाई भी अब प्राथमिक विद्यालयों से ही शुरू की जाए. इस निमित्त पूरी तैयारी की जा रही है. झारखंड को सोने का चिड़िया वाले प्रदेश के रूप में देखा जाता रहा है, लेकिन यह विडंबना है कि बरसों से यहां के आदिवासी, मूलवासी, गरीब, शोषित, पिछड़े अल्पसंख्यक सहित जरूरतमंदों को व्यवस्था से दूर रखने का काम किया गया. उनकी सरकार अब इन वर्गों के लोगों को उनका हक-अधिकार देने का कार्य कर रही है. अलग झारखंड राज्य बनने के बाद अपेक्षा अनुरूप यहां के लोगों का विकास नहीं हो सका है. वर्तमान समय में उनकी सरकार झारखंड के हर वर्ग और हर तबके के सर्वांगीण विकास को लेकर कृत संकल्पित है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 में पूर्व मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनी थी. सरकार गठन होते ही देश और दुनिया में कोरोना संक्रमण ने दस्तक दी और पूरी व्यवस्था बंद हो गई. पूर्व की सरकारों ने राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पर अस्पतालों को संसाधन संपन्न करने पर ध्यान नहीं दिया, परंतु हेमन्त जी के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण काल के समय देश भर में एक बेहतर हेल्थ मैनेजमेंट का उदाहरण पेश किया। राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण काल में जीवन और जीविका दोनों को बचाने का कार्य कर दिखाया.

 


शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव लाना प्राथमिकता:-

मुख्यमंत्री श्री चम्पाई सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार राज्य में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ और मजबूत करने का कार्य कर रही है. राज्य के भीतर संचालित सरकारी विद्यालयों को निजी विद्यालयों की तर्ज पर मॉडल स्कूल तथा उत्कृष्ट विद्यालयों के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है. राज्य के गरीब, मजदूर, किसान वर्ग के बच्चे भी अब क्वालिटी एजुकेशन प्राप्त कर सके इस निमित्त उनकी सरकार प्रतिबद्धता के साथ व्यवस्था में सुधार कर रही है. शिक्षा के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा  रहेगा. मेरा मानना है कि शिक्षित समाज से ही विकसित राज्य की परिकल्पना पूरी की जा सकती है.  उनकी सरकार राज्य में शिक्षा का ऐसा दीप जलाएगी, जो कभी बूझेगा नहीं. पूर्व की सरकारों ने राज्य में 5 हजार प्राइमरी विद्यालयों को बंद करने का काम किया था, परंतु वर्तमान सरकार राज्य में शिक्षा का अलख जगाने का कार्य कर रही है. सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को उनकी सरकार निरंतर सहयोग कर रही है. स्कूली बच्चों की छात्रवृत्ति राशि में तीन गुना तक की वृद्धि की गई है. उच्चतर शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को आवश्यकता अनुसार गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से आर्थिक सहयोग किया जा रहा है.


सबको मिले रोटी, कपड़ा और मकान का अधिकार, यही उद्देश्य:- 

मुख्यमंत्री श्री चम्पाई सोरेन ने कहा कि राज्य में आदिवासी, मूलवासी, गरीब, मजदूर, पिछड़े, अल्पसंख्यक सहित सभी-वर्ग समुदाय के जरूरतमंद परिवारों को रोटी, कपड़ा और मकान उपलब्ध कराने का कार्य उनकी सरकार कर रही है. यहां की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक व्यवस्था को निरंतर मजबूत किया जा रहा है.  मूलभूत और बुनियादी व्यवस्था को मजबूत करने में सभी का सहयोग बहुत जरूरी है, सभी को अपनी जिम्मेदारी संभालनी होगी.उनकी सरकार पीएम आवास योजना से वंचित 20 लाख पात्र परिवारों को अबुआ आवास योजना का लाभ देगी. राज्य में अबुआ आवास योजना के अंतर्गत प्रथम फेज में चिह्नित परिवारों को डीबीटी के माध्यम से प्रथम किस्त की राशि जा चुकी है.

इस अवसर पर मंत्री श्री सत्यानंद भोक्ता, मंत्री श्री बादल, राज्यसभा सांसद श्रीमती महुआ माजी, प्रधान सचिव श्री सुनील कुमार, सचिव श्री प्रशांत कुमार, सचिव श्री राजेश शर्मा, सचिव श्री अबू बकर सिद्दीकी, सचिव श्री अरवा राजकमल, सचिव श्री उमाशंकर सिंह, निदेशक श्री शशि रंजन सहित अन्य पदाधिकारी एवं नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी तथा अन्य लोग उपस्थित थे. 

कालीदास मुर्मू संपादक आदिवासी परिचर्चा।

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