नारी सम्मान को समर्पित "झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना



रांची: मुख्यमंत्री श्री हेमन्त ने कहा कि कोल्हान प्रमंडल की 6 लाख से अधिक माता-बहनों को "झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना" से जोड़ा जा चुका है. राज्य में इस महत्वाकांक्षी योजना से प्रतिदिन लगभग 40 से 50 हजार माता-बहनों को जोड़ा जा रहा है. "झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना" अनवरत चलने वाली योजना है, यह कभी खत्म होने वाली योजना नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 15 से 20 दिनों के अंदर राज्य की लगभग 48 लाख महिलाओं को इस योजना के लाभ से आच्छादित किए जाने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़े हैं. आने वाले दोनों में जिस बेटी-बहन की उम्र 21 साल हो जाएगा वे स्वत: इस योजना से जुड़ जाएंगी। 21 वर्ष से ऊपर की सभी बहन-बेटी-माताएं इस महत्वाकांक्षी योजना की हकदार हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि "झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना" के तहत सम्मान राशि का हस्तांतरण कार्यक्रम पिछले दिनों संताल परगना में भी आयोजित किया गया था, इस कार्यक्रम में उपस्थित हजारों महिलाओं की भीड़ तथा उनके चेहरे की खुशी देखकर काफी अच्छा महसूस हुआ. भारी बारिश के बाद भी कार्यक्रम में शिरकत कर रही महिलाओं की खुशी, उत्साह, उमंग देखते बन रही थी. उक्त बातें मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने आज रापचा फुटबॉल मैदान, गम्हरिया, सरायकेला-खरसावां में आयोजित "झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना" के तहत कोल्हान प्रमंडल की लाखों माता-बहनों को सम्मान राशि के हस्तांतरण कार्यक्रम में अपने संबोधन में कही. इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने रिमोट का बटन दबाकर "झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना" के तहत कोल्हान प्रमंडल की लगभग 6 लाख माता-बहनों के बैंक एकाउंट में डीबीटी के माध्यम से सम्मान राशि हस्तांतरण किया.

राज्य के आदिवासी-मूलवासी के विकास को समर्पित राज्य सरकार : 

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि यहां के मूलवासी और आदिवासी लोगों ने जिस उम्मीद और आकांक्षा के साथ एक मजबूत सरकार बनाने का काम किया है, उनकी आशा-आकांक्षा एवं उम्मीद के अनुरूप राज्य सरकार ने उनके सर्वांगीण विकास के लिए समर्पित भाव से काम किया है.  मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारे आदिवासी समाज के लोग भी धीरे-धीरे प्रगति की राह में आगे बढ़ रहे हैं .पहले आदिवासी समाज से बहुत कम लोग ही न्यायाधीश, वकील, इंजीनियर, आईएएस, आईपीएस इत्यादि बड़े पदों पर दिखाई देते थे, लेकिन अब परिस्थितियों बदली है अब हमारे आदिवासी समाज के युवक-युवतियां भी इन पदों पर काबिज हो रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार यहां के आदिवासी-मूलवासी बच्चों को भी एक बेहतर प्लेटफार्म देने का काम कर रही है. राज्य सरकार निरंतर अपनी जड़ों को मजबूत कर रही है. एक-एक कदम इस प्रकार आगे बढ़ाया जा रहे हैं जिससे हमारे आदिवासी, मूलवासी, गरीब, पिछड़े वर्ग-समुदाय के लोग अपने हक-अधिकार की लड़ाई मजबूती के साथ कर सकें. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में उनकी सरकार हर वर्ष विश्व आदिवासी दिवस (9 अगस्त) के मौके पर दो दिवसीय आदिवासी महोत्सव मनाने का कार्य किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां के आदिवासी समाज के मान-सम्मान के लिए हर वो कार्य किए जा रहे है जिससे उनकी सभ्यता एवं संस्कृति को संरक्षित रखा जा सके.

नियुक्तियों का सिलसिला जारी: 

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि झारखंड प्राकृतिक संपदाओं के मामले में धनी प्रदेश है. यहां की खनिज संपदाओं का पूरा लाभ यहां के आदिवासी-मूलवासी लोगों को आज तक नहीं मिल पाया है। झारखंड की खनिज संपदाओं का लाभ देश के बड़े-बड़े व्यापारियों को मिला है. आज स्थिति यह है कि 1 लाख 36 करोड़ रुपए केंद्र सरकार की विभिन्न खनन कंपनियों के ऊपर राज्य का बकाया है. कई बार राज्य सरकार ने इस बड़ी बकाया राशि का भुगतान झारखंड को करने हेतु केंद्र सरकार से आग्रह भी किया है. आज यहां का कोयला, अभ्रक, लोहा सहित अन्य बहुमूल्य खनिज संपदाओं से दूसरे राज्य रोशन हुए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्थापित औद्योगिक संस्थानों में 75% नियुक्तियां स्थानीय लोगों का हो इस निमित्त उनकी सरकार ने कानून बनाया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि अगर नियुक्तियों में स्थानीय लोगों को महत्वता नहीं दी गई तो कंपनियों को काम भी करने नहीं दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से अपील किया कि वे अपने बच्चों को अधिक से अधिक पढ़ाने पर जोर दें. आपके बच्चों के पढ़ाई में पैसा बाधा नहीं बनेगा, क्योंकि राज्य सरकार गुरुजी क्रेडिट कार्ड के तहत अब शिक्षा ऋण उपलब्ध करा रही है. इस योजना के तहत 15 लाख रुपए तक की राशि शिक्षा ऋण स्वरूप छात्र-छात्राओं को दिया जा रहा है. अब उच्च शिक्षा के लिए आपको जमीन और गहने बंधक रखने की कोई जरूरत नहीं है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने अब तक एक लाख से ज्यादा युवक-यूवतियों को निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने का काम कर दिखाया है. 35 से 40 हजार सरकारी नौकरियां दी गई हैं.आने वाले कुछ महीनो में लगभग और 40 हजार सरकारी नियुक्तियां प्रक्रियाधीन है.राज्य सरकार द्वारा  नियुक्तियों का सिलसिला लगातार जारी है.

गरीब लोगों के पुराने बिजली बिल होंगे माफ : 

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार अब बिजली उपभोक्ताओं को 200 यूनिट बिजली प्रतिमाह नि:शुल्क उपलब्ध करा रही है.  मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब लोगों के पुराने बिजली बिल का बकाया भी माफ किया जाएगा ताकि उनके ऊपर कोई बोझ न रहे और उन्हें 200 यूनिट मुफ्त बिजली का लाभ मिल सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार राज्य के किसानों के 2 लाख रुपए तक का ऋण माफी करने का काम किया है. मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत युवक-युवतियों को विभिन्न रोजगारों से जोड़ा जा रहा है. आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका सहित कई क्षेत्रों में कार्यरत महिला-पुरुष कर्मियों के मानदेय में वृद्धि भी की गई है.

सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंची राज्य सरकार की महत्वकाँक्षी योजनाएं:

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि आज भी झारखंड प्रदेश में कई ऐसे ग्रामीण इलाके हैं जहां के लोग जिला कार्यालय तो छोड़िए प्रखंड कार्यालय तक नहीं गए हैं. जिन्हें एसपी-डीसी, बीडीओ, सीओ तक के विषय में जानकारी नही है, वैसे लोगों तक  योजनाओं को पहुंचाया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि "आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार" अभियान चलाकर गांव-गांव, घर-घर तक अधिकारियों के माध्यम से योजनाओं को पहुंचाया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य है जहां सर्वजन पेंशन योजना लागू की गई है. अब वृद्धा पेंशन योजना की उम्र सीमा में भी संशोधन किया गया है. उनकी सरकार अब 60 वर्ष नहीं बल्कि 50 वर्ष के उम्र से ही पात्र लाभुकों को वृद्धा पेंशन उपलब्ध करा रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार का काम वही सरकार कर सकती है जो रांची हेडक्वार्टर से नहीं बल्कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से चलती है. मुख्यमंत्री ने कहा आपकी दु:ख तकलीफों को उनकी सरकार नजदीक से देखने का काम करती है उसी अनुरूप आपके कल्याण के लिए योजनाएं बनाई जाती है.

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बनाया जा रहा है मजबूत : 

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ग्रामीण क्षेत्रों को मजबूत करने पर लगी है। विभिन्न योजनाओं से ग्रामीणों को जोड़कर अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का निरंतर कार्य किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार वैसे सभी पात्र लोगों को वर्ष में दो बार वस्त्र उपलब्ध करा रही है जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन गुजर-बसर कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि आखिर ऐसी क्या वजह थी कि पिछले 20 वर्षों में पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा यहां के बुजुर्गों, महिलाओं, बच्चियों को मान सम्मान नहीं दे सकी. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उनकी सरकार विद्यालयों में अध्यनरत 9 लाख से अधिक बच्चियों को सावित्रीबाई फुले समृद्धि योजना से जोड़ने का कार्य किया है. इस योजना के तहत 21 वर्ष के उम्र तक बच्चियों को आर्थिक सहयोग दिया जाता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने यहां 11 लाख राशन कार्ड को रद्द करने का काम किया था लेकिन उनकी सरकार ने 20 लाख नए राशन कार्ड निर्गत किए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड का ऐसा कोई घर नहीं बचा है जहां राज्य सरकार की योजनाएं नहीं पहुंची हैं.

कोरोना संक्रमण काल में झारखंड ने देश के सामने बेहतर मैनेजमेंट का उदाहरण पेश किया: 

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि राज्य की जनता ने वर्ष 2019 में झारखंड में मूलवासी-आदिवासी का सरकार बनाने का काम किया। सरकार गठन के चंद दिनों बाद ही देश दुनिया एवं राज्य में कोरोना संक्रमण जैसी वैश्विक महामारी ने हम सभी को घरों के अंदर में रहने को मजबूर कर दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के समय हमारी सरकार ने एक बेहतर मैनेजमेंट का उदाहरण पूरे देश में पेश किया. बिना कोई अपरा-तफरी के यहां के लोगों के जीवन की रक्षा की गई. प्रवासी मजदूर भाई-बंधुओं को एयरलिफ्ट कराकर उनके घर तक पहुंचाने का कार्य उनकी सरकार ने की है.  हवाई जहाज, रेल एवं सड़क मार्ग सहित विभिन्न माध्यमों से प्रवासी मजदूरों को वापस झारखंड लाया गया. कोरोना संक्रमण के समय सभी उद्योग-धंधे बंद हो गए वैसी स्थिति में भी उनकी सरकार ने लोगों को रोजगार से जोड़ते हुए एक बेहतर माहौल प्रदान किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड जैसे राज्य के लिए कोई भी आपदा एक अभिशाप से कम नहीं होता है. कोरोना संक्रमण काल में हमारे राज्य की महिला स्वयं सहायता समूहों की दीदियों ने राज्य सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते हुए लोगों के प्राणों की रक्षा की. झारखंड जैसे गरीब प्रदेश के लिए कोरोना संक्रमण एक भयावह मंजर था, परंतु राज्य सरकार की सोच और बेहतर प्रयास से लोगों के घर तक राशन पहुंचाया गया. मेडिकल फैसेलिटीज से लेकर तमाम जरूरी व्यवस्थाएं की गई जिससे जान माल की क्षति से लोगों को बचाया जा सका.

संकलन : कालीदास मुर्मू, संपादक आदिवासी परिचर्चा।

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