नई दिल्ली: देश के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की निधन के बाद से ही अंतिम संस्कार से लेकर स्मारक तक विवादों में रहा है. कांग्रेस पूर्व पीएम के निधन पर केंद्र सरकार को घेरती रही है. अब केंद्र सरकार ने कांग्रेस को झटका देते हुए पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के स्मृति स्थल के निर्माण की घोषणा कर दी है. केंद्र सरकार ने मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए 1.5 एकड़ जमीन चिह्नित की है. डॉ सिंह का स्मारक दिल्ली के राष्ट्रीय स्मृति परिसर में बनाया जाएगा. जहां पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के लिए समाधि स्थल बनाया जा रहा है.
डॉ मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए आवास और शहरी मामलों ने चिह्नित जगह की जानकारी दी है. मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर दिवंगत प्रधानमंत्री के परिवार को इस फैसले के बारे में सूचित किया है. उनसे ट्रस्ट पंजीकृत करने का अनुरोध किया है. इस महीने की शुरुआत में केंद्र सरकार द्वारा पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के लिए एक स्मारक की घोषणा के बाद सरकारी अधिकारियों ने राष्ट्रीय स्मृति का दौरा किया था.
पूर्व पीएम सिंह के परिवार से स्थल का निरीक्षण करने का अनुरोध किया गया है. सूत्रों से पता चला कि उन्होंने अभी तक ऐसा नहीं किया है .उन्होंने कहा कि सिंह का परिवार शोक में है, इसलिए सदस्यों ने सरकार की पेशकश पर कोई फैसला नहीं लिया है. मनमोहन सिंह की समाधि स्थल के लिए विवाद हुआ था. केंद्र की मोदी सरकार ने कांग्रेस पर दिग्गज नेता की मौत के बाद राजनीति करने का आरोप लगाया था. तो कांग्रेस ने भी सरकार पर हमला बोलते हुए ‘अपमान’ करने का आरोप लगाया था. बताया जा रहा है कि मेमोरियल के निर्माण में समय लग सकता है. केंद्र ने बताया कि परिवार से इस बात पर चर्चा की जाएगी कि वे किस तरह का स्मारक बनाना चाहते हैं। इसके बाद परिवार सरकार को सूचित करेगा.
ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय स्मृति को यमुना तट पर राष्ट्रपतियों, उप-राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों और पूर्व राष्ट्रपतियों, पूर्व उप-उपराष्ट्रपतियों और पूर्व प्रधानमंत्रियों के अंतिम संस्कार और स्मारकों के लिए एक सामान्य स्थल के रूप में विकसित किया गया था. वर्तमान में, परिसर में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी, पीवी नरसिम्हा राव, चंद्रशेखर और आई के गुजराल समेत सात नेताओं के स्मारक हैं. शेष दो स्थल अब मनमोहन सिंह और प्रणब मुखर्जी के लिए निर्धारित किए गए हैं.
संकलन: कालीदास मुर्मू, संपादक आदिवासी परिचर्चा।
0 Comments